POWER/ELECTRICITY SECTOR IN INDIA [ELECTRICITY GENERATION BY DIFFERENT SOURCES] » Power or electricity is one of the most critical components of infrastructure affecting economic growth and well being of nations. » The existence and development of adequate infrastructure is essential for sustained growth of the Indian economy. » India’s power sector is one of the most diversified in the world. Sources of power generation range from conventional sources such as coal, lignite, natural gas, oil, hydro and nuclear power to viable non-conventional sources such as wind, solar, and agricultural and domestic waste. » The utility electricity sector in India had an installed capacity of 303 GW as of 31 May 2016. » Renewable Power plants constituted 28% of total installed capacity and Non-Renewable Power Plants constituted the remaining 72%. » Sources of Electrical Energy 2016: POWER/ELECTRICITY SECTOR I...
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72 साल की उम्र में बनी मां, जानिए किस तकनीक से भरी सूनी गोद दिल्ली। पंजाब की रहने वाली दलजिंदर कौर के 72 साल की उम्र में मां बनने पर नैतिकता-अनैतिकता की बहस भी छिड़ गई है। पंजाब में बुजुर्ग दंपति द्वारा आईवीएफ के जरिये बच्चा पैदा करने को डॉक्टरों ने पूरी तरह से अनैतिक करार दिया है। इंफर्टिलिटी विशेषज्ञों ने सरकार से मांग की है आईवीएफ के जरिए मां बनने की इच्छा रखने वाली महिलाओं की अधिकतम उम्र तय की जानी चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे बच्चे और मां दोनों की सेहत को खतरा रहता है। उदयपुर की जानी-मानी इंफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ. सिमी सूद का कहना है कि 50 के बाद आईवीएफ नहीं किया जाना चाहिए। इससे मां की जान तक को खतरा रहता है। सामाजिक रूप से देखा जाए, तो भी यह गलत है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रजिस्ट्री के मुताबिक आईवीएफ तकनीक के जरिये बच्चा पैदा करने वाले दंपति की संयुक्त उम्र 100 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। जबकि दलजिंदर कौर उनके पति की संयुक्त उम्र करीब 150 साल है। आईवीएफ से ऐसे मिला मातृत्व सुख दलजिंदर का इलाज 2013 से हरियाणा के हिसार के ए...
नए साल का उत्सव इला प्रवीण की कहानी सीमा और सनी अच्छे दोस्त थे। आज नए साल की पार्टी में उनका घर परिवार के ढेर से दोस्तों और रिश्तेदारों से घर भरा हुआ था। पार्टी में नाच गाना था, खाना पीना था। हॉल में बड़े लोग थे और बच्चों का इंतज़ाम बगीचे में था। सीमा और सनी भी एक गीत की धुन पर नाचने लगे। तभी सनी का पैर फिसला और वह गिर पड़ा। सीमा घबरा गई, उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। सनी रोने लगा था शायद उसे ज़ोर की चोट लगी थी। वह माँ को देखने हॉल की ओर दौड़ी। हॉल में काफ़ी भीड़ थी। उस भीड़ में सीमा को अपनी माँ तो नहीं दिखीं पर शालू आंटी दिख गईं। सीमा ने शालू आंटी से पूछा,"आंटी सनी गिर गया है। उसके पैर में चोट लगी है। क्या आपने उसकी या मेरी माँ को देखा है?" शालू आंटी बोलीं, "नहीं, देखा तो नहीं पर मैं उन्हें खोज कर यह बात बता देती हूँ। सीमा दौड़ कर सनी के पास वापस आई और उसने सोचा अब मुझे ही कुछ करना होगा। उसने सनी को दिलासा देते हुए कहा, "रो मत सनी। अभी माँ आ जाएगी और फिर हम डाक्टर के पास चलेंगे। तुम तो मेरे बहादुर दोस्त हो। बहादुर बच्चे कभी नहीं रोते।...
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