कविता क्या है?
कविता,
कविता क्या है?
कविता एक भरे हुए दिल की आह –
एक विफल प्रेमी की कराह है .
कविता आंसू हैं दिल के जो छलक आए है कागज़ पर …
कविता है बारिश के पानी का छम- छम…
कविता है सूखे पत्तों का मर- मर ..
लेकिन ये न सोचो कविता केवल थके हारे हुए लोगो की आवाज़ है …
भर देता है निष्प्राण मुर्दे को जीवन के स्पंदन से ..
ये वो अनोखा साज़ है …
और ये है एक माध्यम …
जो कवि को कर देता है एक उस अनंत चैतन्य से …
जिसने ये सारी सृष्टि निर्मित की है …
जब कवि एक नई कविता रचता है …
तब क्या वो ही एक नई सृष्टि नही रच रहा होता है ??
जब हँसता है कवि ..
तो वो ही हंस रहा होता है …
और जब कवि रोता है ..
क्या वो ही नही रोता है !!
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